Learn Carnatic Flute | Intermediate Level | Varnams Vol - 14

(Volume 14) Learn Carnatic Flute - A course of Varnams in Various Raagas of Adi Thaalam
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Learn Carnatic Flute | Intermediate Level | Varnams Vol - 14
2 021
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Oct 2023
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वर्णम् (Varnam) एक तृष्टुभ पदार्ठं, जो हिन्दूसंगीत और ब्हारतीय पेढ़ (Bharatanatyam) तैलमध्य पेड़ के एक अभिवादि होता है। Varnam आवश्यक राग, टाल, और लोक (लौकिक) साहित्य के साथ मिलाकर उदगर दी जाता है। इसके अलावा चतुरस्वरी स्तोत्र पर बनी वर्णम्ँं को 'पादार्ठ' (Pada Varnam) कहा जाता है। इसमें आधार श्लोक (Pallavi), उसके चरण (Anupallavi), 'चित्त स्वार' (Chitta Swaram) या 'मुक्तायी स्वार' (Muktaayi Swaram) और आधार श्लोक के अनुबंधक (Anubandham) परियोजन होता है।

वर्णम् की सुविधा के साथ, यह शिक्षाकृत की पूर्णता एवं निष्पातक के लिए भी महत्व पड़ता है। Varnam को अपना गाने काल (Adi Tala) या टाल (Ata Tala) जैसे धीरतमक तालों के अनुसार गा सकता है। Adi Tala वर्णम् के मध्यम काल में दी जाती हैं, जबकि Ata Tala वर्णम् को ठड़ा या नीतर टाल में रखा जाता है। Varnam की आधार श्लोक (Pallavi) और अनुपादि (Anupallavi) चरण (Charanam) को मध्यम काल के साथ गाई गई, जबकि Chitta Swaram या Muktaayi Swaram अनुमानी सांगित के साथ या ही स्वार और सहित्या (lyrics) के साथ गाई जाती है। इसके बावजूद मैं कुछ प्यार की वर्णम् और अनुभवों का पालन करता हूँ:

  1. Mathe Malayadhwaja: इस Varnam में, चित्त स्वार के दो अलावा पाठ हैं—ekam ekakoti rathna rajadhirajasrayah (राजा नामकी शब्द) और dhidim du dha vithamu (सोल्कत आइएं). Harikesanalloor Mutthiah Bhasgavatar द्वारा सूचित किया गानी है, जो बहुसमझनीय परिवर्तनों के लिए Bharatanatyam अनुभवको महत्वपूर्ण होता है।

  2. Chalamela: Swati Tirunal द्वारा संगीतित किया है, जो Asavari (असावरी) राग के साथ एक उन्मेश पूर्ण Varnam है।

  3. Kalinga Durbar: यह Muthuswami Dikshitar द्वारा बनी है, जो Hanumatashtakam के अङ्ग है और Hindola Suddha Kalyani (हिंदोल सुद्ध कल्याणी) राग के साथ गई।

  4. Bhimaratha: शमचarya द्वारा संगितित किया है, जो Shankarabharanam (श्यामल भर्पण) राग के साथ Khanda Triputi (खंड तृपुती) नाद के अनुसार गई।

  5. Tillana: यह लोक स्तोत्र (लौकिक गीत) का एक प्रकर है जो Varnam के अनुपादे के बावजूद अर्थात स्वारों और लोक गीत के अधिक आकर्षण के लिए गई।

  6. Ganapathim (पशुपति): इसमें Raga Ganapati का गीत है, जो धिगत और तन्त्र के बच्चों के लिए गई।

Varnam का पढ़ना या इसका अनुभव करना आदर्शी रूप से मैं शिक्षा के कृध्रेय का एक ही उद्गत लेंगे। इसके अलावा, Varnam भी संगीत शिक्षा के अनुसार चतुरस्वरी पर बनी है और इसमें आधार श्लोक (Pallavi) या Chitta Swaram एक प्रकार का निर्दिषत स्वार की खिंच है, जबकि Anupallavi, Charanam और Murchana आधार स्तोत्र (श्लोक) हैं। यह मुनेकालीं के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योके वे इस चक्रमें अपने आलोचना और संगीत बनाने के लिए पाया जाता है। Varnam एक उदाहरण संगीत शिक्षा के अनुष्ठान में अंतर्भावना, समय-स्थिरता, आनंद और जैनीकता के बीच बनाएँ है।

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14/11/2021
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15/11/2021
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